Thursday, December 1, 2011

Latest News Updates...01/Dec/2011....

स्पीक एशिया: हम और ज्यादा मजबूत होते जा रहे है...
Dear SpeakAsian,
हमारी प्यारी SAOL कम्पनी के बारे में.आप सब ये सोच रहे होंगे की मैं इतने दिनों के बाद इस लेख के माध्यम से आपको SAOL की कोई जानकारी देने आया हु माफ़ कीजिये मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है जो आपके… दिल को कोई तसल्ली दे सके .पर कुछ बाते मेरे मन में है जिन्हें मैं आपके सामने रखना चाहता हु .
दोस्तों किसी ने किसी को एक बार कह दिया साहब मुझे लगता है ये चोर है. साहब ने उसकी बातो को गंभीरता से लेते हुए उस के खिलाफ जाँच शुर कर दी जाँच करते करते जब उसे लगा की मेरी द्रष्टि से इसमें कोई नुक्स नहीं निकल पा रहा है इसकी गतिविधि दुसरे मामलो में संग्धिग्ध हो सकती है साहब ने अपनी कर्त्तव्य परायणता का परिचय देते हुए उन विभागों को चेताया की देखो कही ये आपके नियमो के हिसाब से तो अस्म्वैधानिक काम नहीं कर रहे है.
अब इन साहब के साथ साथ दुसरे कुछ विभागों ने भी इसकी जाँच शुरू कर दी (जबकि होना ये चाहिए था की जिसने शुरू में ये शंका जाहिर की थी पहले उससे ही पूछा जाता की क्या उसके पास इसके खिलाफ कोई तथ्य है जिससे इसे गलत साबित किया जा सके ). जाँच शुरू हुई दिन हफ्ते महीने गुजरते गए पर किसी को कुछ भी गलत नजर नहीं आ रहा था हर कोशिश हर विभाग द्वारा की जा रही है पर कोई तथ्य ही नहीं मिल पा रहा है.
अब क्या करे नाक का सवाल है किसी ना किसी तरह इनकी एकता को ही तोडा जाये (२० लाख पेनलिस्ट ) ताकि इन्हें ही इसके खिलाफ सबूत बनाया जा सके पर ये वार भी खाली गया हर तरीका अपना कर देख लिया गया पर कही कोई भूल चुक सामने नहीं आई (मन में एक ही बात MLM कम्पनी और वो भी इतन्नी इमानदार हो ही नहीं सकता आज तक ऐसा नहीं हुआ है )
आखिर थकहार कर उस विभाग ने जाँच बंद कर बस केवल जाँच का ढोंग करना शुरू कर दिया की इसके बहाने समय गुजरता जायेगा और लोग कुछ समय के बाद खुद ही इस मसले को भूल जायेंगे .
दोस्तों अब आप ही बताईये जिसने कम्पनी पर केस किया जो कम्पनी को सबके सामने गलत कह रही है
तब बचना या छुपना किसे चाहिए वो जिसे गलत कहा जा रहा है या वो जो कह रहा है की कम्पनी गलत है
होना तो ये चाहिए की गलत कहने वाला हर जगह हमसे पहले मौजूद हो और साबित करे की हम गलत है
पर हो ये रहा है की गलत कहलाने वाला खुद को सही साबित करने के लिए मरा जा रहा है और गलत कहने वाला खुद मुह छपाए घूम रहा है
(ना EOW माननीय अदालत में ही तारीख के दौरान पहुचती है ना किसी मीटिंग में आती है )
इन सब बातो से साफ जाहिर होता है की कौन सही है कौन गलत
दिन पर दिन देर होने से और इनके रवैये से इन्हें लगता है समय के साथ साथ सब कुछ ख़त्म हो जायेगा.
पर इन्हें एक बात बताना जरुरी है की इनके ऐसा करने से हम और ज्यादा मजबूत होते जा रहे है
हमारा भरोसा और ज्यादा पक्का होता जा रहा है
मुझे अपनी बात कहने के लिए यही शब्द मिल रहे थे कोई गलती हो तो कृपया माफ़ कीजियेगा..

Please save these two RTI letter on your computer then zoom it.


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Thanks to SPEAKASIA.



4 comments:

  1. nice job
    thanks.........
    yours anil kalwani

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  2. mr. anil kalwani ji .... aapke posts bhot ache hain.... so thank you so much.... aapka fan- the bhaskar visitor------ kishor gautam

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  3. nice lekin sabse pehle site toh open ho

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  4. Sir agar sab theek hai to company ke karta dharta kyon nahi bol rahe hai, kahan hai hare madam, aur kahan hai manoj ji. unhone muh mein kiska le rakha hai , aur wo agar paisa dena chahte hai to singapore kisi bhi raste se de sakte hai , aur ye dhong kyon kar rahe hai ki hamara account band hai , jab ki unka india mein na office tha na account , sarkaar aur enquiry ke naam par sab ko fuddu bana rahe hai, ab to lagta hai ki SAOL ne hi paisa dekar ye kaam karwa rahi hai. aur isme aap jaise log jo ki paisa kamaa kar baithe ho aur logon ko fuddu bana rahe ho sarkaar ka naam lekar...jago grahak jagooo...

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